अब बात बात में बात करता हूँ, अपने में ही कुछ उलझे सवालात करता हूँ। अब बात बात में बात करता हूँ, अपने में ही कुछ उलझे सवालात करता हूँ।
कह दो, इस रात, इस भोर से यह दास्ताँ हमसे है हर वक़्त का ज़र्रा हमसे है हमसे ही इसका वजूद है .... कह दो, इस रात, इस भोर से यह दास्ताँ हमसे है हर वक़्त का ज़र्रा हमसे है हमसे ही इ...
एक अरसा सा हो गया तुझे देखे पर कोई ऐसा लम्हा नहीं जब तुझे ना याद किया। एक अरसा सा हो गया तुझे देखे पर कोई ऐसा लम्हा नहीं जब तुझे ना याद किया।
फिर उसी कि, की नुमाइश है मेरी हर एक चाहत की, मुझे दास्ताँ सुना गया मेरा माज़ीमेरे सामने आ गया फिर उसी कि, की नुमाइश है मेरी हर एक चाहत की, मुझे दास्ताँ सुना गया मेरा माज़ीमेरे...
छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया... छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया...
"ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही। "ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही।